प्रोसैस्ड फूड बहुत ही इजीली बाहर मिल जाता है इसीलिए बहुत से लोग इस फूड को खा लेते हैं
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पैकेज प्रोसेस फूड कौनसे है?
प्रोसेस फूड बहुत सारे प्रकारों में उपलब्ध है जैसे कि कैन 🥫 में , पैकेट्स में , कैंडी 🍬 चॉकलेट , चिप्स , बिस्किट बेकरी यहां तक कि नॉनवेज भी कैन फूड में बेचा जाता है डेली यूज़ के जाने वाले नूडल्स , पास्ता यह भी प्रोसेस फूड के श्रेणी में आते हैं

प्रोसेस फूड खाने के नुकसान क्या है?
बहुत बार ऐसा देखा गया है कि खाने में प्रोसेस करते वक्त उसके हेल्थी इनग्रेडिएंट्स जैसे कि विटामिंस प्रोटींस यह टूट कर बिखर जाते हैं जिससे उसका पूरा न्यूट्रिशन शरीर को नहीं मिल पाता इसके कारण शरीर में ऐसे तत्वों की कमी होती है , जैसे जैसे इंसान इस फूड को खाता है उसे लगता है कि उसे उसका पेट भर गया है , लेकिन वास्तविक में वह जो खा रहा है उससे उसको काफी कम मात्रा में विटामिंस या प्रोटींस कार्बोहाइड्रेट्स फैट्स मिलते हैं . ऐसा लगातार होने के कारण कई बार शरीर में जरूरी तत्व नहीं होते
न्यूट्रीएन की कमी के कारण क्या होता है?
जिसके कारण थकान महसूस होती है
आंखों के नीचे काले घेरे आने लगते हैं
चक्कर आता जाती है बीपी लेवल्स में चेंजेस आते हैं
डायबिटीज जैसी बीमारियां होती है
पेट की कई प्रकार की पाचन संबंधित समस्याएं भी होती है खाना ठीक से बच नहीं पाता हमेशा पेट खराब रहता है और
तबीयत हमेशा ही खराब होती जाती है
इसके कारण व्यक्ति ठीक से नींद नहीं दे सकता और
तनाव का सामना करने लगता है
शरीर में न्यूट्रिएंट्स की कमी होने के कारण बहुत ही चिड़चिड़ापन आ जाता है जिसके कारण एंजाइटी और टेंशन बढ़ सकता है
इसीलिए सही न्यूट्रिएंट्स का शरीर में जाना बहुत ही जरूरी है ऐसे प्रोसेस फूड खाने से कई प्रकार की बीमारियां भी हो जाती है क्योंकि इसमें प्रिजर्वेटिव्स डाले गए होते हैं और मसालों में कई प्रकार के ऐसे तत्व जो आप नॉर्मली नहीं खाते हैं

प्रोसेस फूड मे प्रिजर्वेटिव का काम क्या है?
प्रिजर्वेटिव्स इसीलिए डाले जाते हैं कि वह इस खाने को खराब ना होने दें और लंबे समय तक 3 से 6 महीने या 1 साल तक इसे वैसा ही बनाए रखें लेकिन यह प्रिजर्वेटिव शरीर में जाने के बाद रिएक्शन करते हैं लगातार खाने की वजह से इससे शरीर में बहुत सारे चेंजर्स हो जाते हैं कई प्रकार के केमिकल्स खाने की वजह से कई बार कैंसर जैसी बीमारी अभी सामने आई है इसमें बहुत सारा रिसर्च अभी बाकी है लेकिन जो द्रव्य शरीर में जरूरी नहीं होते ऐसी केमिकल्स को खाने के कारण तबीयत खराब हो जाना यह सामान्य बात है इससे पहले इतनी सारी चीजें प्रोसेस फूड में मिलती ही नहीं थी क्योंकि इतनी सारी फूड फैक्टरीज नहीं थी और इतने सारे दुकान भी नहीं थे जहां पर यह चीजें खाई जाए इसीलिए कई प्रकार की बीमारियों से लोग बच जाते थे जो अपने शहर में अपने राज्य में मिलता है उसी पर अपना गुजर-बसर करते थे इसीलिए कई बार उनमें न्यूट्रिएंट्स की कमी पाई जाती थी क्योंकि कभी-कभी सीजन में वह सारी सब्जियां नहीं मिल पाती जी जो जरूरी है और कई राज्यों में यह बहुत ज्यादा मात्रा में होती थी लेकिन जब से शहरीकरण हुआ है और बहुत से राज्य महामार्ग उसे जोड़े गए हैं उसके बाद सारे सामान का भी वाहन होने लगा है इसीलिए एक राज्य में मिलने वाली सब्जी अब दूसरे राज्य में भी मिलती है कई बार तो ऐसा देखा गया है कि दूसरे कंट्री से भी सारे फल और सब्जियां दूसरी कंट्री में बेची जा रही हैं इसमें कोई भी बुराई नहीं है लेकिन जब आप इन सब्जियों को खाते हैं जो आपके राज्य में आपके शहर में या आपके इलाके में नहीं उगाई गई है तो हो सकता है कि उस सब्जी के या फल के तत्व अलग हो जिसे आप डाइजेस्ट ना कर पाए या फिर बहुत दूर से आने के कारण उस पर कुछ ऐसे स्प्रे या कुछ ऐसे पेस्टिसाइड्स का इस्तेमाल किया गया हो तो उसे प्रिजर्व करता हो या फिर ज्यादा देर तक बनाए रखता हो इस फल के साथ खाने से या इस सब्जी का सेवन करने से वह सारे प्रेस तथा प्रिजर्वेटिव भी आपके शरीर में चले जाते हैं और कई बार ऐसा होता है कि वह आपका शरीर बचा नहीं पाता इसीलिए कई बार एलर्जी भी होती है

अगर किसी राज्य में किसी देश में कोई रोग फैला हुआ है और आप वहां के फल यहां पर लाकर खा रहे हैं या सब्जी खा रहे हैं तो इसकी ज्यादा संभावना है कि वह लोग भी आपको जाकर ले इसके कारण भी कई बार आप उस फल या सब्जी को ठीक मात्रा से पचा नहीं पाते और तबीयत बिगड़ जाती है
कई बार जो फल जहां पर उगाए जाते हैं वह एक ठंडा प्रदेश होता है बहुत ही ज्यादा ठंडा हो सकता है या बहुत ज्यादा गरम हो सकता है सभी फल तथा सब्जियां उस वातावरण के अनुसार खुद को ढाल कर ही उगाई जाती है या फिर उठ जाती है जब वह फल दूसरे प्रकार के वातावरण में बेचे जाते हैं वहां पर हो सकता है कि उसका गलत प्रभाव हो जाए जैसे कि एक ठंडे प्रदेश में उगा हुआ फल गर्म रखने के द्रव्यों के साथ में बना हुआ हो और वह फल गर्म प्रदेश में अगर खाया जाता है तो जिसके कारण पित्त बढ़ सकता है या गर्माहट बढ़ सकती है ऐसा हर बार नहीं होता लेकिन इसके चांसेस ज्यादा होते हैं जिन लोगों को एलर्जी होती है और हमेशा तबीयत खराब होती है उनको ऐसी चीजों से बचना चाहिए तथा डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए
बार ऐसा भी देखा गया है जब आप कोई फल या सब्जी बार-बार खाते हैं तो शरीर को इसकी आदत हो जाती है और वह इसे बचाने में सक्षम भी हो जाता है इसके कारण वह अपने वातावरण में डालने के लिए उपयुक्त होता है और शरीर की इम्युनिटी को कोई भी नुकसान नहीं होता है उल्टा यह आपके शरीर को आराम दे हो सकता है लेकिन जहां तक हो सके अपने ही राज्य का अपने ही यहां पैदा किए जाने वाला फल सब्जियां खाएं ताकि वह आपको सूट करें और आपकी तबीयत हमेशा अच्छी रहे
प्रोसेस फूड में कई बार हफ्तों तक महीनों तक फल या सब्जी या फिर कोई ऐसा पदार्थ जो खाने लायक हो उसमें बहुत सारे प्रिजर्वेटिव कलर डाले जाते हैं ताकि उसकी गुणवत्ता खराब ना हो और उसे हवा बंदर डब्बे के अंदर बंद किया जाता है जिससे कई बार उस पर कोई कीटाणु नहीं होते हैं लेकिन ऐसा खाना अपने आप को परिवर्तित कर सकता है जिसके कारण उसके न्यूट्रिएंट्स कम हो सकते हैं या कोई डॉक्सिस भी आपके शरीर के अंदर जा सकते हैं जब आप फ्रेश घर में बना हुआ खाना खाते हैं वह खाना फ्रेश होता है वह अभी-अभी पकाया जाता है अभी-अभी बनाया जाता है जिसके कारण वह पचने में भी आसानी से पच जाता है और इसमें कोई प्रिजर्वेटिव्स घर के खानों में नहीं डालते हैं इसके कारण वह आपके शरीर के लिए बहुत अच्छा होता है
वजन कम करने के लिए कोई फैंसी डाइट का चुनाव करके कई बार लोग कोई ऐसी चीज घर में लाते हैं जो डब्बा बंद हो और पैकेट वाली हो वही चीज वह बार-बार खाते रहते हैं जिस जिस पैकेट के कारण और 10 के कारण उनके शरीर में चिपचिपा पदार्थ तैयार हो जाता है जिसे म्यूकस कहा जाता है इस मुकेश के कारण वह अपने नॉर्मल खाने को भी पचा नहीं पाते हैं जिसके कारण वह खाना कई दिनों तक उनके जी आई ट्रैक में पड़ा हुआ रहता है इसके कारण मोटापा भी बढ़ जाता है और शरीर में चर्बी का प्रमाण भी बढ़ जाता है इसके कारण हाय कोलेस्ट्रोल हो सकता है और लिटिल्ले बर्ड्स बढ़ जाते हैं
प्रोसेस फूड से बचने के उपाय क्या है
आप हमेशा घर का खाना खाए जब भी आपको ऐसा खाना खाने की इच्छा हो जो चटपटा हो या बाहर से बना हुआ हो तो उसे आप घर पर बनाने की कोशिश कीजिए हल्दी इनग्रेडिएंट्स के साथ में या फिर आप किसी से बनवा कर भी इसे ले सकते हैं जैसे आपका पोटैटो चिप्स खाने का मन करता है तो आप इसे किसी से बनवा कर घर में स्टोर करके रख सकते हैं जब भी आपका मन करे तब आप इसे फ्राई कर ले और भरपूर खाए क्योंकि इसमें कोई भी प्रिजर्वेटिव नहीं मिलाया गया है इसलिए हल्दी हो सकता है अगर आपको पास्ता या फिर नूडल्स पसंद है तो आप इसका पर्याय ढूंढ सकते हैं इंडिया में हर घर में सेवइयां बनती है तथा सरगुंडे या फिर अलग-अलग तरह के पास्ता बनते हैं जो गेहूं से बनाए जाते हैं आटे से यह आपके पेट के लिए भी अच्छा होता है और इसमें कोई भी प्रिजर्वेटिव नहीं मिलाया जाता है नमक के सिवाय
कुछ चटपटा पसंद है तो आप घर में बना हुआ अचार खा सकते हैं जिसमें बहुत सारा चटपटा पन होता है भारत में कई घरों में कई प्रकार के अचार मसाले पापड़ तथा चटनियां बनाई जाती हैं जो बहुत ही हेल्दी होती है इसका इस्तेमाल आप रोजाना की लाइफ में कर सकते हैं
मैं जो भी चटनियां बनाई जाती है उस में एंटीऑक्सीडेंट्स का प्रमाण भरपूर मात्रा में होता है इन चटनी ओं में यूज किया जाने वाला पुदीना तथा कोरियाडर अपने शरीर में एंटीऑक्सीडेंट्स की प्रमाण को बढ़ाता है और एजिंग की समस्या को दूर करता है शरीर को जवान बनाए रखने के लिए हमेशा मदद करता है छुट्टियों में इस्तेमाल करने वाला गुड तथा हल्दी का दाना शरीर को पोषण देता है तथा हेल्थी प्रोटीन भी प्रोवाइड करता है इससे शरीर को काफी ताकत मिलती है
आपको चॉकलेट पसंद है तो आप इसके जगह गुड से बनी हुई मिठाई का इस्तेमाल कर सकते हैं या फिर गुड से घर पर बनाकर रख सकते हैं कोई भी चिक्की या कोई भी पावर बार कई बार फली के दाने से भी और पेड़ से भी पावर बार बनाई जाती है जो चॉकलेट की तरह ही दिखती है लेकिन बहुत ही ज्यादा हेल्दी होती है आप आपके घरों में गीली खजूर का इस्तेमाल करके भी उसके लड्डू बनाकर रख सकते हैं जो ड्राई फ्रूट्स के साथ में बनते हैं और इसकी भी एक हेल्थी बार बना कर खा सकते हैं काफी अच्छी होती है और शरीर को काफी पोषण भी देती है न्यूट्रिएंट्स भी देती है हीमोग्लोबिन की मात्रा को भी बढ़ाती है
वेट लॉस करने के लिए आपको हेल्थी खाना खाना चाहिए जो घर पर बना हो और आप उस पर ध्यान दे सके ऐसा ही खाना आप को लेना चाहिए अगर आप अकेले रहते हैं बैचलर्स है या फिर किसी भी कारणवश खुद का खाना खुद नहीं बना सकते तभी आप थोड़ी मात्रा में प्रोसेस फूड का इस्तेमाल कर सकते हैं जैसे उसके पैकेट्स का इस्तेमाल करके आप इसे नाश्ता ले सकते हैं जो काफी हेल्थी हो सकता है और जल्दी बनता है लेकिन हमेशा ध्यान में रखें कि उसमें बहुत सारे प्रिजर्वेटिव्स होते हैं इसीलिए घर के बने हुए उसकी अच्छे होते हैं
प्रोसेस फूड खाने से भी वेट लॉस हो सकता है क्योंकि इसमें तय मात्रा में तय सामग्री दी गई होती है जो आप गिन कर खाते हैं इसीलिए खाने के बैलेंस को बनाकर भी वेट लॉस किया जाता है लेकिन अगर बात न्यूट्रिएंट्स की है तो नॉर्मल खाने के बदले इस फूड में प्रोसेस होने के कारण न्यूट्रिएंट्स हमेशा कम ही रहेंगे जिससे वेट लॉस तो होगा लेकिन वह हेल्दी नहीं रहेगा हेल्दी वेट लॉस के लिए घर पर बनाना ही उचित होगा
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